बुधवार, 30 नवंबर 2011

aage barho hunkaar bharo

खुदरा व्यापार में विदेशी प्रत्यछ   निवेश को लेकर अब चुप रहना अपने पैरों पैर कुल्हारी मरना होगा. पुरे देश में आन्दोलन की लहर चल पारी है. पूंजीवादी सम्रजयावादी शक्तियों ने यास्त इंडिया कंपनी की तरह गरीबों का हक़ मरना शुरू कर दिया है. भारत के हमारे हुक्मरान अमेरिका के सामने नतमस्तक हो गए हैं. वालमार्ट के खिलाफ पुरु दुनिया कोर्पोराते घरानों के घरों और दफ्दारों पैर कब्ज़ा करने को आतुर है. भारत में शाहक वर्ग की प्रमुख दोनों पार्टियाँ कांग्रेस व बीजेपी जनता के साथ धोखा कर रही है. ऐसी हालत में हमे न सिर्फ आगे बढ़ाने बल्कि  हुंकार भरने की जरूरत है.

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